A poetry(without a poetic scheme) after a long time. It is about habits we possess. Hope you find it good :)
आदतें!
इतनी जुडी है हमसे,
की पहचान बन जाती है |
शक्ल सूरत और अंगूठों क निशाँ,
का विकल्प बन जाती हैं|
आदतें!
आदतें!
इतनी जुडी है हमसे,
की पहचान बन जाती है |
शक्ल सूरत और अंगूठों क निशाँ,
का विकल्प बन जाती हैं|
आदतें!
आग की तरह फैलती है,
आदतें बड़ी 'contagious' होती है|
पानी से नहीं, हवा से नहीं,
बस साथ वक़्त बिताने से फैलती है|
आदतें!
अच्छी, बुरी, सस्ती, मेहेंगी
हर तरह की होती है आदतें|
सब अपनी मर्ज़ी और औकात अनुसार,
पालते है आदतें|
आदतें!
याद दिलाती है आदतें,
बल्कि यादों का हिस्सा होती है|
उस बच्चे को नाख़ून खाता देख,
मुझे अपनी याद आती है|
आदतें हरकतों तक सीमित हो तो भी ठीक है,
अक्सर इंसानों की आदत हो जाती है|
इस आदत को शायद प्यार कहते हैं|
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