A poem on life in general, treating time as a travel on boat..
वक़्त की कश्ती में संवार
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
जब किनारा छोड़ा था
नासमझ बेफिक्र सा था ।
आज बी खुद को
समझदार नहीं कह सकता ।
वक़्त की कश्ती में संवार
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
वक़्त की कश्ती में संवार
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
वक़्त की कश्ती में संवार
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
जब किनारा छोड़ा था
नासमझ बेफिक्र सा था ।
आज बी खुद को
समझदार नहीं कह सकता ।
वक़्त की कश्ती में संवार
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
तसवीरें हर पल बदलती हैं ।
सिर्फ तसवीरें ही नहीं उसमें
बसी ज़िन्दगी बी बदलती है ।
बसी ज़िन्दगी बी बदलती है ।
मानो स्थिरता नामक कोई चीज़ ही न हो।
वक़्त की कश्ती में संवार
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
वक़्त की कश्ती में संवार
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
सिर्फ तसवीरें ही नहीं,
हालतें बी बदलती हैं ।
कबी बहाव का साथ होता ,
तो कभी विरोध होता है ।
हालतें बी बदलती हैं ।
कबी बहाव का साथ होता ,
तो कभी विरोध होता है ।
पर कश्ती तोह चलती ही है।
बिना रुके बिना थमें बस चलती है।
वक़्त की कश्ती में संवार
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
इस बहाव ने कइए बार
चौराहे पर ला खड़ा किया ।
चौराहे पर ला खड़ा किया ।
असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती
बार रुकने का तोह प्रश्न ही नहीं था...
क्यूंकि कश्ती को तोह चलना था बस चलना था..
आज बी
क्यूंकि कश्ती को तोह चलना था बस चलना था..
आज बी
वक़्त की कश्ती में संवार
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
-ध्रुव
होकर चलें जा रहा हूँ ...
वहीँ से ही इस जहाँ को निहारते
जा रहा हूँ ।
-ध्रुव
Thanx a lott!!
ReplyDeleteI will try to post as much informative content as possible!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletevery nice Dhruv...
ReplyDeleteyou posted ur link on my blog a long time back but luckily got a chance to visit today as i m lazy in visiint my own blog..but it wa worth thanks sharing!
Keep writing!
Jasmeet
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Thanx a tonn jasmeet..:)
DeleteI was actually amazed by the designing and presentation of your blog..as expressive as it can be..:)
Wow, must say you are a good writer, keep writing.
ReplyDeleteI hav wrttn very few hindi poems, not actually a poem but my own stroy, it would love if you visit Me.
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Thank You Sunny Kumar..:)
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