A poetry(without a poetic scheme) after a long time. It is about habits we possess. Hope you find it good :) आदतें! इतनी जुडी है हमसे, की पहचान बन जाती है | शक्ल सूरत और अंगूठों क निशाँ, का विकल्प बन जाती हैं| आदतें! आग की तरह फैलती है, आदतें बड़ी 'contagious' होती है| पानी से नहीं, हवा से नहीं, बस साथ वक़्त बिताने से फैलती है| आदतें! अच्छी, बुरी, सस्ती, मेहेंगी हर तरह की होती है आदतें| सब अपनी मर्ज़ी और औकात अनुसार, पालते है आदतें| आदतें! याद दिलाती है आदतें, बल्कि यादों का हिस्सा होती है| उस बच्चे को नाख़ून खाता देख, मुझे अपनी याद आती है| आदतें हरकतों तक सीमित हो तो भी ठीक है, अक्सर इंसानों की आदत हो जाती है| इस आदत को शायद प्यार कहते हैं|
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