This poetry is a note-to-self.
राह चलते,
किसी अजनबी से आँखें मिले तो,
ज़रा मुस्कुरा लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
बड़े mature हो तुम सब जानते हैं,
पर कभी मन मानियाँ कर लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
मौसम का कहा भी कभी मान लिया करो ,
अपना कोट उतारकर बूंदों को गले लगा लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
हर बार बोलों के मायने मत टटोला करो ,
कभी कभी बस धुनों पर कदम थिरका लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
तुम्हारी खामियां भी तुम्हारी अपनी हैं,
उनका बेहिचक मज़ाक बना लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
कहते है फ़ाज़ली जी,
होश वालों को खबर क्या,
बेखुदी क्या चीज़ है|
कभी कभी बेख़ुदीयों को आजमा लिया करो
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
राह चलते,
किसी अजनबी से आँखें मिले तो,
ज़रा मुस्कुरा लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
बड़े mature हो तुम सब जानते हैं,
पर कभी मन मानियाँ कर लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
मौसम का कहा भी कभी मान लिया करो ,
अपना कोट उतारकर बूंदों को गले लगा लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
हर बार बोलों के मायने मत टटोला करो ,
कभी कभी बस धुनों पर कदम थिरका लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
तुम्हारी खामियां भी तुम्हारी अपनी हैं,
उनका बेहिचक मज़ाक बना लिया करो|
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
कहते है फ़ाज़ली जी,
होश वालों को खबर क्या,
बेखुदी क्या चीज़ है|
कभी कभी बेख़ुदीयों को आजमा लिया करो
ज़रा सा जोखिम उठा लिया करो|
बहुत सुंदर,
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